इंडेक्सेशन क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
इंडेक्सेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आप महंगाई को ध्यान में रखते हुए किसी एसेट की खरीद-लागत को एक अवधि में मौजूदा कीमतों पर लाने के लिए सूचीबद्ध (एडजस्ट या बढ़ा) कर सकते हैं। महंगाई सूचकांक (CII) का इस्तेमाल महंगाई के बाद खरीदे गए यूनिट की कीमत को सूचीबद्ध या समायोजित (एडजस्ट) करने के लिए किया जाता है।
आवंटित यूनिट की समायोजित (एडजस्ट) लागत को समझने के लिए, हम उस साल के महंगाई सूचकांक, जिसमें महंगाई सूचकांक द्वारा यूनिट बेची गई और जिसमें ये यूनिट आवंटित की गई थी, को विभाजित करते हैं और फिर उस राशि को वास्तविक लागत से गुणा करते हैं जिस पर यूनिट खरीदे गए थे । इससे हमें आवंटित यूनिट की वह कीमत प्राप्त होगी जिसका इस्तेमाल दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) की गणना के लिए किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए – श्री राम ने वित्तीय वर्ष 2012-13 में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड XYZ की 5000 यूनिट ₹16 में खरीदी और फिर इन्हें वित्तीय वर्ष 2018-19 में ₹26 में बेच दिया। (क्योंकि यूनिट 36 महीने से ज़्यादा के लिए रखी गई थीं, इसलिए यह लेनदेन इंडेक्सेशन लाभ के लिए योग्य है)
कमाया गया लाभ है: 5000 (26-16) = ₹ 50000
सबसे पहले, हम महंगाई के अनुसार एडजस्ट की गई खरीद कीमत निकालेंगे :
महंगाई के अनुसार एडजस्ट की गई खरीद कीमत : ( 280 /200)*16 =22.4
लेनदेन के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) है,
कमाया गया लाभ x {(साल 2018-19 में यूनिट की कीमत) - (महंगाई के अनुसार एडजस्ट की गई खरीद कीमत)}
5000 x (₹ 26- ₹ 22.4) = ₹ 18000
(यहां 2018-19 के लिए महंगाई सूचकांक संख्या 280 है और 2012-13 के लिए 200 है। संखयाएं इनकम टैक्स साइट से ली गई हैं)
नोट: इस महंगाई सूचकांक संख्या की सूचना हर वित्तीय वर्ष के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा दी जाती है और यह इनकम टैक्स वेबसाइट पर उपलब्ध है।
संबधित प्रश्न :
क्या मुझे म्यूचुअल फंड निवेश से प्राप्त लाभ पर टैक्स चुकाना होगा?
अगर मेरी सलाना आय उस सीमा राशि से कम हो जिस आय पर टैक्स से छूट प्राप्त है तो ?
जब मैं अपने म्युचुअल फंड निवेश बेचूंगा/बेचूंगी तो क्या प्राप्त किए गए लाभ पर कोई TDS कटेगा?